नूहं का गामा अस्पताल बना मोंत की फैक्टरी,अस्पताल के सर्जन के कारण गई अल्ताफ़ हुसैन अडबर की जिंदगी।
मंत्री के आदेश के बाद भी डॉक्टर पर नहीं हुई एफआईआर।
लगातार सामने आ रही गामा हॉस्पिटल के सर्जन की लापरवाही।
बिलाल अहमद/ब्यूरो चीफ नूह मेवात।
नूंह। नूंह शहर में स्थित गामा अस्पताल मोत की फैक्टरी बनता जा रहा है। पित की पथरी का गलत तरीके या फिर कहे कि ऑपरेशन करते समय लापरवाही बरतने के कारण
एक मरीज की मौत हो गई, जानकारी के अनुसार नूंह के वार्ड नंबर 3 निवासी अल्ताफ के पेट में दर्द हुआ था, जिसे 23 मई 2023 को नूंह शहर के गामा अस्पताल में भर्ती करा दिया गया था, जहां पर पित्त की थैली का ऑपरेशन डॉक्टर अजरुद्दीन एवं उसके सहयोगी सद्दाम के द्वारा किया गया। परिजनों का आरोप है कि ऑपरेशन करने में डॉक्टर द्वारा लापरवाही बरती गई है तथा पथरी का गलत तरीके से ऑपरेशन कर दिया। जिससे अल्ताफ की स्थिति ज्यादा खराब हो गई और डॉक्टर ने उन्हें स्पष्ट रूप से इलाज के लिए मना कर दिया, जिसके बाद आनन-फानन में परिवार वालों ने गुरूगाम के पार्क अस्पताल दिल्ली के एक निजी अस्पताल एवं दिली एम्स में अल्ताफ़ हुसैन को भर्ती करा दिया जो आज तक एम्स अस्पताल मर्ती था
और कुछ दिन बाद आज ब्रहस्पतिवार को अल्ताफ की मौत हो गई। परिजनों ने आरोप लगाया कि अस्पताल के संचालक द्वारा अल्ताफ का गलत तरीके से ऑपरेशन कर दिया था, जिसके कारण से अल्ताफ की मौत हुई है।
जानकारी के अनुसार बता दे कुछ दिन पूर्व मालब गांव की महिला का ऑपरेशन भी इसी गामा अस्पताल में हुआ था और महिला के परिजनों ने आरोप लगाया था कि महिला के ऑपरेशन करते समय डॉक्टर अजरुद्दीन द्वारा महिला के पेट में पट्टी छोड़ दी थी, जिसकी आज तक स्थिति खराब है, जिस महिला का करीब 4 महीने बाद दिल्ली के निजी अस्पताल में लाखों रुपए खर्च करके वो पट्टी निकली गई थी और महिला आज भी बेड रेस्ट पर चल रही है, उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी व कर्मचारियों से दरखास्त कि है कि उक्त अस्पताल के संचालक के ऊपर कार्यवाही की जाए। जिसकी जांच मेडिकल लापरवाही बोर्ड, मण्डीखेड़ा द्वारा लगभग एक महीने पहले की जा चुकी है, जिस रिपोर्ट के डॉक्टर अजरुद्दीन को दोषी पाया गया है और चीफ मेडिकल ऑफिसर द्वारा रिपोर्ट में डॉक्टर को घोर लापरवाही करने जिससे मरीज की जान भी जा सकती थी के आधार पर प्रवर चिकित्सा अधिकारी, नूहं द्वारा सम्बंधित थाना को डॉक्टर व अस्पताल के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने आदेश जारी किए है, लेकिन पुलिस ने दोषी डॉक्टर के खिलाफ ग्रीवेंस कमेटी नूहं के चेयरमैन, विकास एवं पंचायत मंत्री देवेंद्र बबली के आदेश के बाद भी एफआईआर दर्ज नहीं कि गई है।
वहीं अल्ताफ की मौत ले बारे में सीएमओ से बात की तो उन्होंने बताया कि अगर ऐसी कोई शिकायत आती है तो जांच कर उचित कार्यवाही की जायेगी।
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